Maithili Poem: Mana Lebau (मना लेबौ) by Krishna Kumar Mahato

Mana Lebau ( मना लेबौ ) 

मैथिली कविता ।  मना लेबौ ।  कृष्ण कुमार महतो

Maithili Poem  Mana Lebau

दिन क रिक्सा
राइत क अटो
साझ क कल
आ भोरे भोरे दमकल चलादेबौ
तु कतबो रुसबे रानी
हम ठार्हे ठार्हे मना लेबौ 2

तोरा बाउ के घरी
भाइ के गारी
आ माइ के हिरा के दात लगा देबौ
बाबा दाइ के बात छोर रानी
चारु धाम घुमा देबौ
तु कतबो रुसबे रानी
हम ठार्हे ठार्हे मना लेबौ 2

टाङ्गमे पजेब
डार मे सिक्री
माथ प गजरा लगा देबौ
तु ठोर पटपटबियह्या रानी
हम वानर जका नाइच देबौ
तु कतबो रुसबे रानी
हम ठार्हे ठार्हे मना लेबौ 2

चम्सुर के साग
रहरी के दाइल,तिल्कौर के तरकारी
आ कतरनी के भात प
तरुवा छन्का देबौ
तु कतबो रुसबे रानी
हम ठार्हे ठार्हे मना लेबौ 2


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